हमें लड़ना होगा मेरी बहनों..
हमें लड़ना होगा मेरी बहनों, बालिका आवास नाम की उस जगह से
जहाँ तुम्हारे चीख की तड़पती आवाज दफ़न है
हमें लड़ना होगा...
हमें लड़ना होगा मेरी बहनों, उन जालिमों से जिनके अन्दर की
आत्मा मर चुकी है, सड़ चुकी है, तबाह हो चुकी है
उस शैतानी हंसी से लड़ना होगा, जो सत्ता के नशे ने दी है
हमें लड़ना होगा मेरी बहनों, उन जालिमों से, जिन्होंने
हमारी कई बहनों की रूह पर कब्जा कर रखा है
हमें लड़ना होगा....
हमें लड़ना होगा मेरी बहनों, उन दीवारों से, उस छत से
जिसने तुम्हारी आवाज को रोक रखा था
उन खिड़की-दरवाजों से लड़ना होगा, जो कभी तुम्हारी आवाज को
बाहर नहीं आने दी
हमें लड़ना होगा...
हमें लड़ना होगा मेरी बहनों, उस मां के खून भरे आंसू के लिए
जो वो अपनी बेटी के लिए महसूस कर रही है
हमें लड़ना होगा उस उजाले से
जो तुम्हें देखते ही अँधेरे में बदल जाती थी
हमें लड़ना होगा मेरी बहनों, उस जज, उस वकील से
जो हमसे हमारी तबाही पूछेंगे
हमें लड़ना होगा मेरी बहनों, बिना औलाद वाली सरकार से
हमें लड़ना होगा...
इस लड़ाई में हमारा साथ देंगी...
हमारी बहनों की तड़पती साँसे, मां की तड़पती दिल
पिता का फटता कलेजा, भाई का बेबस आंसू
इन फिजाओं में फैला ज़हर, लोगों की आवाज़
बची-खुची इंसानियत, और हामरी रूह...
#हमेंजीनाहै #Stoperape #हमारेअन्दरभीजानहै
जहाँ तुम्हारे चीख की तड़पती आवाज दफ़न है
हमें लड़ना होगा...
हमें लड़ना होगा मेरी बहनों, उन जालिमों से जिनके अन्दर की
आत्मा मर चुकी है, सड़ चुकी है, तबाह हो चुकी है
उस शैतानी हंसी से लड़ना होगा, जो सत्ता के नशे ने दी है
हमें लड़ना होगा मेरी बहनों, उन जालिमों से, जिन्होंने
हमारी कई बहनों की रूह पर कब्जा कर रखा है
हमें लड़ना होगा....
हमें लड़ना होगा मेरी बहनों, उन दीवारों से, उस छत से
जिसने तुम्हारी आवाज को रोक रखा था
उन खिड़की-दरवाजों से लड़ना होगा, जो कभी तुम्हारी आवाज को
बाहर नहीं आने दी
हमें लड़ना होगा...
हमें लड़ना होगा मेरी बहनों, उस मां के खून भरे आंसू के लिए
जो वो अपनी बेटी के लिए महसूस कर रही है
हमें लड़ना होगा उस उजाले से
जो तुम्हें देखते ही अँधेरे में बदल जाती थी
हमें लड़ना होगा मेरी बहनों, उस जज, उस वकील से
जो हमसे हमारी तबाही पूछेंगे
हमें लड़ना होगा मेरी बहनों, बिना औलाद वाली सरकार से
हमें लड़ना होगा...
इस लड़ाई में हमारा साथ देंगी...
हमारी बहनों की तड़पती साँसे, मां की तड़पती दिल
पिता का फटता कलेजा, भाई का बेबस आंसू
इन फिजाओं में फैला ज़हर, लोगों की आवाज़
बची-खुची इंसानियत, और हामरी रूह...
#हमेंजीनाहै #Stoperape #हमारेअन्दरभीजानहै
- रिज़वाना तबस्सुम
जबरदस्त लेख
ReplyDeleteजबरदस्त लेख
ReplyDeleteजबरदस्त लेख
ReplyDeleteसभी को बहुत-बहुत धन्यवाद
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